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Monday, October 29, 2012

कोई भी इसका जिम्मेदार नहीं


कोई भी इसका जिम्मेदार नहीं ,
तुम मेनू देखते हो, पर खा नहीं सकते,
तुम गद्दे देखते हो, पर उसपर बैठ नहीं सकते,
तुम सज़ा भुगतते हो, पर पाप नहीं कर सकते,
तुम भवन तैयार कर सकते हो, पर उसमें रह नहीं सकते,
तुम तेज दौड़ते हो, पर जीत नहीं सकते
तुम शिखर देख सकते हो, पर पहुँच नहीं सकते,
अंतिम पहेली तक हमेशा पहुँचते हो, पर सुलझा नहीं सकते,
ख्वाहिशों के बादल संजोते हो , पर ज़ाया बहने से बचा नहीं सकते
नियम तोड़ता कोई और है, तुम उफ्फ तक नहीं कर सकते
कोई भी इसका जिम्मेदार नहीं
न तुम, न मैं, न हम सभी
Courtsey : Google Images
असुरक्षा की गिरफ्त में कसे हम
मुट्ठी भर खुशियों को जोर से भींचे हम,
दो-चार सपनों से गुज़ारा करने वाले हम,
चाहते हैं, सारी उम्र यूँ ही कट जाए
डर की नींव पर खड़ी हमारी इमारत
हमेशा जोखिम देख डगमगा जाती है
और हर बार हम कहते हैं
कोई भी इसका जिम्मेदार नहीं
न तुम, न मैं, न हम सभी .

 

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