Search This Blog

Monday, November 5, 2012

कोई हर्ज़ नहीं

Courtsey : Google Images
जब आँखों को रंगों का ज़ायका न भाये,..
और जीभ पर स्वादों का धमाका सुनाई न दे,..
जब कानों को गीला करने के लिए संगीत न बचे,..
और मुंह में मीठी बातों की खुश्बू न हो,..
जब तारे, ज़मीन, आसमाँ, चाशनी सी मीठी हवा सभी...
जिस्म में गुदगुदी न भर दें,..
और रोमांच शब्द खुरच दिया गया हो,..
जबरन जीवन से,..
तो जिंदगी पर नयी जिल्द चढ़ा लेने में कोई हर्ज़ नहीं.

No comments:

Post a Comment